Saturday, January 15, 2011

तो गा लेता गीत

आता कोई अतिथि तो ,
उसका करने को सत्कार,
सो रहे लाडले मुन्ने से,
जतलाने को प्यार,
और नहीं तो घर-आँगन की,
जब परे निभानी रीत,
तो गा लेता गीत|

देख आसमा में ,
छिटके दूर-दूर पर तारों को,
बादल ढक ले  सुन्दर चंदा को,
अपने आँचल में ज्यों,
या रात-रात भर ,
हो आभाष गिरने के जब शीत ,
तो गा लेता गीत |

करूँ भ्रमण कहीं,
और दिख परे छाई हरियाली,
फल-पत्तों से जब ,
भरी परी हो डाली-डाली,
या दिखे वल्लरियाँ फैली,
चहके वो प्रसन्न हो  नीत,
तो गा लेता गीत|

या मैदाँ पर होवे,
जब भी अपनी अच्छी हालत,
दुश्मन हो तैयार खरा,
होने को आगे नत ,
एक के बाद एक बहु ,
जब दिखे सामने जीत,
तो गा लेता गीत |

सुनने को आये कोई भी,
हंसी भरा संवाद,
दुःख के क्षण हो कम-कम ,
सुख का बहुत बरा तादाद,
कान परे जब किसी साज का ,
कोई भी संगीत,
तो गा लेता गीत |

या देख सरक पर,
आती कोई कहीं उर्वशी,
चेहरे पर छाई शर्म-हया ,
औ नजरें खुद में ही धंसी,
मन करे लगाने को उससे,
गर यार मुझे भी प्रीत,
तो गा लेता गीत|

दुःख के क्षण में जब कोई हो,
साथ हमारा अपना,
दुःख से पार लगाने का,
कोई दिखा रहा हो सपना,
खोया सालों-साल से कोई,
मिल जाता गर मीत,
तो गा लेता गीत|

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